राजा की रानी

305 Part

119 times read

0 Liked

अब तक का मेरा जीवन एक उपग्रह की तरह ही बीता, जिसको केन्द्र बनाकर घूमता रहा हूँ उसके निकट तक न तो मिला पहुँचने का अधिकार और न मिली दूर जाने ...

Chapter

×